रायगढ़, 25 सितम्बर 2025: आज सुबह 10.30 बजे पुसौर विकासखंड के सिंगपुरी और चंघोरी में कुछ लोगों के महानदी में फंसे होने की सूचना मिली। तत्काल राहत एवं बचाव टीम मौके पर पहुंची। मोटरबोट की सहायता से डीडीआरएफ के तैराकों ने फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला।
दरअसल, यह बचाव अभियान जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ आपदा राहत के तहत आयोजित मॉक ड्रिल का हिस्सा था। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में पुसौर विकासखंड के तटवर्ती गांवों में बाढ़ आपदा बचाव कार्य का अभ्यास किया गया। यहाँ महानदी में बाढ़ आने पर आवश्यक सुरक्षा प्रोटोकॉल्स के तहत फंसे लोगों के बचाव का अभ्यास किया गया। चिकित्सीय सहायता के लिए मेडिकल टीम भी तैनात थी।
मॉक ड्रिल में एडीएम अपूर्व प्रियेश टोप्पो, एडिशनल एसपी आकाश मरकाम, ज्वाइंट कलेक्टर राकेश गोलछा और जिला सेनानी बी कुजूर उपस्थित रहे।
मॉक ड्रिल में बाढ़ आने पर टापू में फंसे लोगों को मोटरबोट की सहायता से सुरक्षित बाहर निकालना, डूब रहे लोगों को बचाना, प्राथमिक उपचार और जीवन रक्षक प्रक्रियाओं का पालन करना अभ्यास के तहत किया गया। नगर सेना के जिला आपदा राहत बल ने राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी, विद्युत, खाद्य विभाग सहित अन्य प्रशासनिक अमलों के साथ भाग लिया।
मॉक ड्रिल के दौरान मोटरबोट में तैनात तैराक, चिकित्सीय सहायता में डॉक्टर्स, एम्बुलेंस टीम, पुलिस जवान और अन्य प्रशासनिक टीमें मौके पर मौजूद रहीं।
यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार, छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्राधिकरण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया।
इस दौरान गांवों के जलमग्न होने जैसी परिस्थितियों में नियंत्रण कक्ष के संचालन, संसाधनों की उपलब्धता, राहत शिविरों की पहचान, स्वास्थ्य केंद्र, निकासी मार्ग, खोज और बचाव, नुकसान का आकलन तथा राहत और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण कदमों का अभ्यास किया गया।
ग्रामवासी और स्कूली बच्चे विशेष रूप से उपस्थित रहे और बाढ़ राहत के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई।
टीमों के बेहतर समन्वय के लिए किया गया अभ्यास:
बाढ़ आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में कई टीमें एक साथ काम करती हैं। ऐसे समय में टीमों के बीच जरूरी समन्वय और सही समय पर सूचना आदान-प्रदान लोगों की मदद और जीवन रक्षा आसान बनाता है। इसी उद्देश्य से यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें नदी के तटवर्ती इलाकों को खाली कराया गया और फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के अभ्यास किए गए।
