रायगढ़ शहर की सड़कों पर इन दिनों भारी वाहनों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर के भीतर जहाँ आम नागरिक, स्कूली बच्चे और दोपहिया वाहन रोजाना सफर करते हैं, वहीं बड़ी-बड़ी ट्रक,हाइवा बिना किसी रोक-टोक के चलाए जा रहे हैं। न तो ट्रैफिक नियमों का पालन हो रहा है और न ही जिम्मेदार विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई करता दिख रहा है।
शहर के मुख्य मार्गों — चक्रधर नगर, जूटमिल क्षेत्र, घड़ी चौक से बोईरदाद रोड तक — भारी वाहनों का लगातार प्रवेश हो रहा है। इससे आम लोगों को सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
अब सवाल उठता है — शहर की सीमाओं में प्रतिबंधित समय के बावजूद भारी वाहन कैसे प्रवेश कर रहे हैं? ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग इस स्थिति पर आंखें क्यों मूंदे हुए हैं? क्या किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही प्रशासन जागेगा?
जनता की मांग है कि शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई जाए, ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
रायगढ़ शहर में इस तरह बिना नियंत्रण के चल रहे भारी वाहनों के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में इनका बेधड़क प्रवेश लोगों की जान के लिए खतरा बन चुका है। बाजार क्षेत्रों पर ट्रक और हाइवा का आना-जाना आम बात हो गई है। प्रशासन की लापरवाही और नियमों की अनदेखी से हालात ऐसे बन चुके हैं कि किसी भी समय कोई गंभीर दुर्घटना घट सकती है। शहरवासी अब डर के साए में सफर करने को मजबूर हैं।
शहर के गौरव पथ की शोभा बढ़ाते हुए भारी वाहन — रायगढ़ शहर का गौरव पथ, जो शहर की सुंदरता और पहचान माना जाता है, आज भारी वाहनों के कारण अपनी चमक खोता जा रहा है। जहाँ इस मार्ग पर केवल हल्के वाहनों और आम नागरिकों के आवागमन की अनुमति होनी चाहिए, वहीं दिन-रात बड़ी ट्रक और हाइवा बिना किसी रोक-टोक के दौड़ती नजर आती हैं। इससे न केवल सड़क की स्थिति खराब हो रही है, बल्कि राहगीरों और दोपहिया चालकों के लिए यह रास्ता असुरक्षित बन गया है। प्रशासन की उदासीनता और नियमों की अनदेखी के चलते गौरव पथ पर भारी वाहनों की आवाजाही शहर की सूरत बिगाड़ रही है और कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है।
