रायगढ़, 11 नवंबर। कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्यालय उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, रायगढ़ (छ.ग.) ने कड़ी कार्रवाई की है।
इन प्रकरणों पर श्रम न्यायालय रायगढ़ द्वारा सुनवाई के बाद सात कारखानों को दोषी पाते हुए उन पर कुल ₹11 लाख 02 हजार रुपये से अधिक का अर्थदंड लगाया गया है।
श्रम न्यायालय की सख्त कार्यवाही
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग ने जिले के विभिन्न कारखानों में निरीक्षण के दौरान कारखाना अधिनियम 1948 के तहत कई गंभीर अनियमितताएं पाई थीं।
इन मामलों में न्यायालयीन कार्रवाई के बाद दोषी कारखाना प्रबंधनों पर भारी जुर्माना लगाया गया है।
कारखानों पर लगाए गए अर्थदंड
मेसर्स नवदुर्गा फ्यूल प्रा. लि.
कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर ₹3,90,000/- का अर्थदंड लगाया गया है।
यह प्रकरण दिनांक 21.06.2024 एवं 01.07.2025 को श्रम न्यायालय रायगढ़ में दायर किया गया था।
मेसर्स एन.आर. इस्पात एंड पावर प्रा. लि.
श्रम न्यायालय रायगढ़ द्वारा मेसर्स एन.आर. इस्पात एंड पावर प्रा. लि. को भी दोषी पाते हुए ₹1,60,000/- के अर्थदंड से दंडित किया गया।
यह प्रकरण 26.09.2025 को दायर किया गया था।
मेसर्स स्काई एलॉयज एंड पावर प्रा. लि.
कारखाना अधिनियम के उल्लंघन पर इस कंपनी पर ₹2,40,000/- का अर्थदंड लगाया गया।
यह मामला 26.09.2025 को न्यायालय में प्रस्तुत हुआ था।
मेसर्स सिंघल स्टील एंड पावर प्रा. लि.
श्रम न्यायालय रायगढ़ ने कंपनी को दोषी मानते हुए ₹12,000/- का अर्थदंड लगाया है।
यह प्रकरण भी 26.09.2025 को दायर हुआ था।
मेसर्स बी.एस. स्पंज प्रा. लि.
औद्योगिक सुरक्षा प्रावधानों के उल्लंघन पर कंपनी को ₹2,10,000/- का जुर्माना भरना होगा।
यह प्रकरण 30.07.2025 एवं 07.08.2025 को श्रम न्यायालय रायगढ़ में दर्ज किया गया था।
मेसर्स शारदा एनर्जी एंड मिनरल्स लिमिटेड
कंपनी पर कारखाना अधिनियम के उल्लंघन को लेकर ₹50,000/- का अर्थदंड लगाया गया है।
यह प्रकरण 28.04.2025 को न्यायालय में दायर किया गया था।
मेसर्स जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (यूनिट-2)
श्रम न्यायालय रायगढ़ द्वारा कंपनी को ₹50,000/- के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
यह मामला 01.10.2025 को न्यायालय में दायर हुआ था।
विभाग की चेतावनी
उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, रायगढ़ (छ.ग.) ने स्पष्ट किया कि श्रमिकों की सुरक्षा और औद्योगिक अनुशासन के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में भी इसी तरह अधिनियमों के उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
