रायगढ़, 27 अक्टूबर 2025।
लैलूंगा थाना क्षेत्र के ग्राम भेलवाटोली मुडाबहला में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां 37 वर्षीय लालकुमार साहू की मौत बिजली के करंट की चपेट में आने से हो गई। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने खेत में जंगली सुअर फंसाने के लिए बिजली खंभे से जीआई तार जोड़कर करंट बिछा रखा था, जिससे यह हादसा हुआ।
थाना लैलूंगा में पदस्थ उपनिरीक्षक चंद्रकुमार सिंगार ने बताया कि मृतक लालकुमार साहू अपने खेत में धान की कटाई करवाने के बाद जंगली सुअर भगाने के लिए पटाखा फोड़ने खेत पहुंचे थे, तभी खेत के किनारे लगाए गए करंट युक्त तार में उनका पैर फंस गया और वे मौके पर ही झुलसकर मृत हो गए।
घटना की सूचना प्रार्थी अलोक कुमार साहू (उम्र 32 वर्ष) द्वारा दी गई। पुलिस ने मर्ग क्रमांक 137/2025 धारा 194 BNSS के तहत जांच की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं गवाहों के बयान के आधार पर पाया कि यह अज्ञात व्यक्ति द्वारा लापरवाहीपूर्वक विद्युत प्रवाह करने का मामला है।
इस आधार पर एफआईआर क्रमांक 0281/25 धारा 105-BNS के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है।
घटना की मुख्य जानकारी: ग्राम भेलवाटोली मुडाबहला, थाना लैलूंगा मृतक: लालकुमार साहू, पिता त्रिलोचन साहू, उम्र 37 वर्ष, साकिन खम्हार घटना दिनांक: 12 अक्टूबर 2025, रात 8:30 बजे एफआईआर दिनांक: 26 अक्टूबर 2025 जांच अधिकारी: उपनिरीक्षक चंद्रकुमार सिंगार धारा: 105-BNS (विद्युत से जीवन जोखिमपूर्ण कार्य करना)
ग्रामीणों में दहशत:
घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे खतरनाक तरीके से बिजली जोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में 10 से 12 आरोपियों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह एक संगठित गिरोह है जो लंबे समय से जंगली सूअरों को मारने के लिए खेतों में बिजली के करंट बिछाने का काम करता आ रहा है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इन्होंने पहले भी कई बार इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है, लेकिन अब तक किसी पर कानूनी शिकंजा नहीं कसा गया था। पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है, ताकि आरोपियों को चिन्हित कर जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
जिले में लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने प्रशासन और बिजली विभाग की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुलेआम खेतों में करंट बिछाने जैसी खतरनाक गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि न तो निगरानी का पर्याप्त इंतजाम है और न ही कानून का डर बचा है। हर बार घटना के बाद जांच का आश्वासन तो मिल जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्रवाई का अभाव इन हादसों को बार-बार दोहराने का कारण बन रहा है। अब सवाल यह है कि इन मौतों के असली जिम्मेदार कौन — बेखौफ आरोपी या लापरवाह तंत्र?
