रायगढ़।
रायगढ़ में सांसद बंगला अब इतिहास बन गया है। सांसद राधेश्याम राठिया को एक साल से ज्यादा हो गया सांसद बने, लेकिन आज तक उन्हें रायगढ़ में बंगला अलॉट नहीं हुआ।
जिस बंगले से वर्षों तक सांसद निवास की परंपरा जुड़ी रही, आज वही बंगला स्थानीय विधायक और प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी का कार्यालय बन चुका है।
यानि जनता का चुना सांसद बेघर – और विधायक व प्रदेश के वित्त मंत्री उसी बंगले में दफ्तर चला रहे हैं।
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने सोशल मीडिया पर इस पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने लिखा –
👉 “बरसों से रायगढ़ में सांसद निवास हुआ करता था, पर आज वह किसी और का दफ्तर है और एक जनजातीय सांसद को अब तक बंगला अलॉट नहीं हुआ। क्या आदिवासी सांसद को हक पाने के लिए नेताओं और अफसरों की एड़ियों पर नाक रगड़नी पड़ेगी?”
- रवि भगत ने साफ कहा कि जनजातीय समाज सहता बहुत है, लेकिन जब जवाब देता है तो उसकी गूंज दूर तक जाती है। रायगढ़ की जनता भी अपने सांसद से मिलने का ठिकाना चाहती है, लेकिन करें तो क्या… बंगला तो अब विधायक और वित्त मंत्री का ऑफिस बन चुका है।
अब रायगढ़ में सवाल गूंज रहा है –
क्या सांसद का बंगला सिर्फ इसलिए छीना गया क्योंकि सांसद आदिवासी समाज से आते हैं?
क्या विधायक और वित्त मंत्री का दफ्तर चलाने के लिए सांसद का हक मार दिया गया?
क्या यही नई राजनीति है – जहां आदिवासी सांसद को बेघर कर दिया जाए?
अगर आदिवासी समाज ने जवाब दिया, तो गूंज रायगढ़ से निकलकर सीधे राजधानी तक सुनाई देगी।