रेबीज से बचाव को लेकर स्वास्थ्य अमले का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित, समय पर उपचार से शत-प्रतिशत रोकथाम संभव
रायगढ़, 19 दिसंबर 2025। राज्य शासन के दिशा-निर्देशानुसार एवं कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर जिले में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत रेबीज जैसी घातक बीमारी की रोकथाम एवं प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल कुमार जगत के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के आरोग्यम् सभाकक्ष में संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण में मेडिकल कॉलेज से डॉ. आनंद मसीह लकड़ा, डॉ. जितेन्द्र नायक तथा पुसौर विकासखंड से डॉ. कलेश्वर राठिया ने मास्टर प्रशिक्षक के रूप में चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्टों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रेबीज से बचाव, प्राथमिक उपचार एवं उपचार प्रोटोकॉल की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी (महामारी विशेषज्ञ) डॉ. कल्याणी पटेल, रामकुमार जांगड़े, आईडीएसपी के जिला डेटा प्रबंधक जानकी देवांगन सहित जिले के सभी विकासखंडों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
विशेषज्ञों ने बताया कि रेबीज एक शत-प्रतिशत घातक रोग है, किंतु कुत्ता, बंदर, बिल्ली अथवा अन्य जानवरों के काटने के बाद घाव की तत्काल एवं समुचित साफ-सफाई, एंटी-रेबीज टीकाकरण तथा इम्यूनोग्लोबुलिन का समय पर उपयोग कर इससे शत-प्रतिशत बचाव संभव है। प्रशिक्षण के दौरान रेबीज रोग के लक्षण, पशु काटने के पश्चात् निवारक उपचार, टीकाकरण अनुसूची, दवाइयों का समुचित प्रबंधन, प्रकरण पंजीयन, संदर्भन प्रणाली एवं आंकड़ा प्रविष्टि की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान निर्देशित किया गया कि जिले की सभी शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य संस्थाओं में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप रेबीज टीके की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही पशु काटने के प्रत्येक मामले में त्वरित एवं मानक उपचार प्रदान करने पर विशेष जोर दिया गया।
इसके अतिरिक्त अस्पताल परिसरों में आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने, घेराबंदी, बाउंड्रीवाल एवं प्रवेश द्वार जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, स्वच्छता व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए। रेबीज रोकथाम, कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार एवं एंटी-रेबीज टीके की उपलब्धता से संबंधित पोस्टर एवं श्रव्य-दृश्य सामग्री स्वास्थ्य संस्थानों में प्रदर्शित की जा रही है। डॉग बाइट से बचाव हेतु हेल्पलाइन नंबर 1100 तथा स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क करने की अपील की गई।
