ग्राम पंचायत जामबहार में हुआ महा घोटाला, ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा – कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ से जल्द शिकायत करने की तैयारी!
जामबहार।
ग्राम पंचायत जामबहार में जनता की मेहनत की कमाई से किया गया भयंकर घोटाला अब धीरे-धीरे उजागर हो रहा है। पंचायत सचिव प्रताप कुमार चौहान की कथित लापरवाही और संदिग्ध कार्यप्रणाली ने ग्रामीणों के गुस्से को उबलने पर मजबूर कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनमें विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं का पैसा गड़बड़ी से खर्च किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रताप कुमार चौहान ने मिलकर कई भ्रष्टाचार गतिविधियों को अंजाम दिया, जिससे ग्रामवासियों का भरोसा पूरी तरह टूट गया है।
ग्रामीण अब संगठित होकर कलेक्टर रायगढ़ और जिला पंचायत सीईओ से सीधे शिकायत करने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के लिए भी मजबूर होंगे।
ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे जिला स्तरीय अधिकारियों से जांच करवाने की मांग करेंगे, तभी सच्चाई पूरी तरह सामने आएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो सकेगी।
इस घोटाले ने ग्रामवासियों में भारी असंतोष और नाराज़गी पैदा कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत के कामकाज में लगातार गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हो रहा है, जिससे कई विकास योजनाएं पूरी नहीं हो पाईं और जनता को उसका हक नहीं मिल पाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस मामले की जांच में देरी होती है तो ग्रामीण और प्रशासन के बीच तनाव और बढ़ सकता है, और यह मामला जिले के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
इस पूरे मामले में सवाल यह उठता है कि क्या सत्ता में बैठे लोग अपनी जवाबदेही से भाग रहे हैं, या फिर अब ग्रामीणों की आवाज़ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ग्रामीणों का मानना है कि सच्चाई उजागर होगी और दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दी जाएगी।
रायगढ़ जिले की जनता अब निगाहें जामबहार पर टिका रही है, और हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि आखिरकार इस महा घोटाले का पर्दाफाश कब होगा।