रायगढ़। कार्यालय उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा रायगढ़ द्वारा जिले के विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में हुई दुर्घटनाओं और निरीक्षण के दौरान पाए गए गंभीर उल्लंघनों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। उप संचालक राहुल पटेल ने कारखाना अधिनियम 1948, छत्तीसगढ़ कारखाना नियमावली 1962, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 एवं संबंधित नियमावली 2008 के प्रावधानों के तहत कुल 06 कारखानों के विरुद्ध 06 आपराधिक प्रकरण तैयार कर श्रम न्यायालय रायगढ़ में दाखिल किए हैं।
दर्ज आपराधिक प्रकरण इस प्रकार हैं —मेसर्स जिन्दल पावर लिमिटेड, तमनार,अधिभोगी : ओम प्रकाश,कारखाना प्रबंधक : गजेन्द्र रावत
उल्लंघन — कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 79, धारा 52।
मेसर्स जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (1 MPA स्लैग ग्राइंडिंग यूनिट), खरसिया रोड रायगढ़,अधिभोगी : सब्यसाची बन्द्योपाध्याय कारखाना प्रबंधक :अमरेश पांडे,उल्लंघन — धारा 59, धारा 54, धारा 56, धारा 79, धारा 52, धारा 41(5)।
मेसर्स एमएसपी स्टील एंड पावर लिमिटेड, जामगांव
अधिभोगी : श्री प्रदीप कुमार डे कारखाना प्रबंधक : संजय सिंह परिहार उल्लंघन — धारा 41 सहपठित नियम 73(घ) एवं नियम 73(1)।
मेसर्स नलवा स्पेशल स्टील लिमिटेड, तराईमाल
अधिभोगी : सरदार सिंह राठी कारखाना प्रबंधक : श्री रविन्द्र सिंह चौहान उल्लंघन — धारा 41 सहपठित नियम 73(घ) एवं नियम 73(1)।
मेसर्स NRVS स्टील्स लिमिटेड, तराईमाल
अधिभोगी : पवन अग्रवाल उल्लंघन — धारा 7A(2)(A) एवं धारा 41 सहपठित नियम 73(1)।
मेसर्स इंड सिनर्जी लिमिटेड एवं मेसर्स AG कंस्ट्रक्शन, कोटमार–महापल्ली संचालक : नेत्रानंद थतोई एवं अदालत गिरी उल्लंघन — भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 की धारा 40, नियम — नियम 42(7), नियम 42(5), नियम 54, नियम 178।
उप संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा रायगढ़ ने स्पष्ट किया है कि मजदूरों की सुरक्षा और कारखानों में सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान को बख्शा नहीं जाएगा, और इसी कड़ी में सभी मामलों को विधिवत रूप से श्रम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है।
कंपनियों में हड़कंप—सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर अब होगी सख्त कानूनी कार्रवाई
इस कार्रवाई के बाद औद्योगिक जगत में हड़कंप मचा हुआ है। विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब कोई भी कंपनी मजदूर सुरक्षा को लेकर लापरवाही नहीं कर पाएगी। निरीक्षणों में सामने आए तथ्य इतने गंभीर हैं कि यह केवल नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि कर्मचारियों की जान को खतरे में डालने जैसा कृत्य माना जा रहा है। विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में किसी भी इकाई में सुरक्षा मानकों की अनदेखी, असुरक्षित कार्य स्थल, प्रशिक्षण की कमी या मशीनों की ठीक से मेंटेनेंस न करना पाया गया, तो संबंधित प्रबंधन पर और भी कड़े आपराधिक प्रकरण, भारी जुर्माना और संचालन पर रोक तक लगाने की कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम उन उद्योगों को सीधा संदेश है—“सुरक्षा में चूक, तो कानूनी कार्रवाई तय!”
