लैलूंगा क्षेत्र के खम्हार बस्ती में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पीडीएस चावल लेकर जा रही ट्रक का डीज़ल खत्म हो गया, जिससे ट्रक बीच सड़क पर ही खड़ी रह गई। मुख्य मार्ग पर ट्रक फंस जाने से आवागमन घंटों तक बाधित रहा, और स्थानीय लोग व वाहन चालक रास्ते में फंसे रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि ट्रक चालक द्वारा समय पर व्यवस्था नहीं किए जाने से पूरे क्षेत्र में यातायात ठप हो गया। वहीं राहगीरों को वैकल्पिक रास्तों से गुजरने की मजबूरी हुई।
सूत्रों के अनुसार ट्रक में सरकारी वितरण के लिए चावल लोड था, जो पास के वितरण केंद्र तक पहुंचना था। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से डीज़ल की व्यवस्था की गई, फिर उसके बाद ट्रक की बैटरी डिस्चार्ज हो गई!
👉 प्रशासन से ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और लोगों की आवाजाही दोनों प्रभावित न हों।
सरकारी सामान लेकर जा रही ट्रक का बीच रास्ते में डीज़ल खत्म होना ठेकेदार की गंभीर लापरवाही का उदाहरण है। इस घटना से साफ झलकता है कि जिम्मेदार ठेकेदार न तो वाहन की तैयारी पर ध्यान दे रहे हैं और न ही सरकारी सामग्री की समय पर आपूर्ति को गंभीरता से ले रहे हैं। पीडीएस जैसी आवश्यक योजना से जुड़ा सामान जनता तक देर से पहुँचना गरीब हितग्राहियों के साथ अन्याय है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करते हुए जवाबदेही तय करे, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो।
कुछ दिन पहले भी इसी तरह की लापरवाही सामने आई थी, जब चावल से भरी एक ट्रक खेत पर पलट गई थी, जिससे भारी मात्रा में चावल बर्बाद हो गया था। यह घटना साफ दर्शाती है कि परिवहन व्यवस्था में गंभीर अनियमितता और सुरक्षा के प्रति उदासीनता बनी हुई है। सरकारी योजनाओं के तहत भेजे जा रहे राशन की सुरक्षा और सही ढंग से वितरण सुनिश्चित करना ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं सवाल खड़े करती हैं कि आखिर निगरानी व्यवस्था कहां विफल हो रही है।
