न्यूजरायगढ़

बड़ी खबर: लैलूंगा के कुंजारा में राजस्व विभाग का बड़ा कारनामा उजागर — बिना आदेश नक्शे से की गई छेड़छाड़, एकलव्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी महाविद्यालय विवाद से जुड़ा मामला!

लैलूंगा (कुंजारा): राजस्व विभाग से जुड़ा एक गंभीर मामला कुंजारा गांव में उजागर हुआ है, जहाँ बिना किसी वैध आदेश के भूमि नक्शे में हेरफेर किए जाने का आरोप सामने आया है। बताया जा रहा है कि इस विवाद का संबंध एकलव्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी महाविद्यालय के भूमि क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

सूत्रों का दावा है कि— “राजस्व अभिलेख में खुली मनमानी चल रही है

सूत्रों का दावा है कि राजस्व अभिलेख में सीमांकन और खसरा नंबरों में गुपचुप बदलाव किया गया है ताकि कुछ प्रभावशाली लोगों को भूमि का अनुचित लाभ मिल सके।इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

तहसील और राजस्व विभाग के अधिकारी बने सवालों के घेरे में मामले में तहसील स्तर के RI (राजस्व निरीक्षक) और पटवारी पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, नक्शा में बदलाव से संबंधित कोई स्पष्ट आदेश उपलब्ध नहीं है, फिर भी राजस्व रिकॉर्ड में परिवर्तन किया गया है। अब यह देखना बाकी है कि क्या तहसील प्रशासन इस पर पारदर्शी जांच करेगा या फिर मामला फाइलों में ही दबा दिया जाएगा।

सवाल जो अब चर्चा में हैं: क्या जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर होगी कार्यवाही?क्या राजस्व विभाग के उच्च अधिकारी जांच करेंगे?क्या एकलव्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कुंजारा विवाद की जड़ यही हेरफेर है?क्या फिर यह मामला भी राजनीतिक प्रभाव में दबा दिया जाएगा?

इस संबंध में तहसीलदार शिवम पांडेय का पक्ष:तहसीलदार ने बताया कि नक्शे में किया गया बदलाव पूर्व में किया गया है, जिसकी जानकारी अब विभाग के संज्ञान में आई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे मामले की जांच कर सुधार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि भूमि अभिलेखों में सही स्थिति बहाल की जा सके। तहसीलदार ने यह भी स्पष्ट किया कि सुधार के बाद जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितता दोबारा न हो।

पटवारी अमित तिग्गा का पक्ष:पटवारी ने बताया कि नक्शे में बदलाव कब किया गया है, इसकी सटीक जानकारी उनके पास नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस विषय में NIC विभाग से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया, लेकिन वहाँ से भी नक्शा परिवर्तन की तारीख या संबंधित विवरण की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। पटवारी ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी मिलने के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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