रायगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था की कलेक्टर ने की गहन समीक्षा, बिचौलियों पर सख्ती के निर्देश
रायगढ़, 19 दिसम्बर 2025/ खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत जिले में संचालित धान खरीदी व्यवस्था की कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में गहन समीक्षा की। बैठक में धान खरीदी की प्रगति, ‘तुंहर हाथ’ मोबाइल एप, किसानों को भुगतान, ऋण वसूली, उपार्जन केंद्रों की बफर सीमा एवं धान के लिए जारी डीओ सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर खाद्य, विपणन, सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं सभी धान उपार्जन केंद्रों के प्रभारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर चतुर्वेदी ने स्पष्ट किया कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वास्तविक किसानों से ही धान खरीदी करना है। इसके लिए उन्होंने उपार्जन स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारियों को अपना सूचना तंत्र मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोचियों एवं बिचौलियों के माध्यम से धान खपाने की किसी भी कोशिश को प्रारंभिक स्तर पर ही रोकना आवश्यक है तथा ऐसी किसी भी जानकारी को तत्काल जिला प्रशासन के साथ साझा किया जाए, ताकि वास्तविक किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बैठक में कलेक्टर ने धान विक्रय के पश्चात रकबा समर्पण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इससे अवैध धान खरीदी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने सभी उपार्जन केंद्रों पर सतत निगरानी रखने तथा अवैध खरीदी, परिवहन एवं भंडारण के मामलों में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। बताया गया कि शासन द्वारा समर्थन मूल्य एवं कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल की सीमा तक धान खरीदी की जा रही है। सभी केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, पेयजल, छाया, बायोमेट्रिक उपकरण एवं गुणवत्ता जांच की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
बैठक में जानकारी दी गई कि 18 दिसंबर तक रायगढ़ जिले में 23,089 किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया है। अब तक कुल 13,16,691.20 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है और किसानों को 307 करोड़ 62 लाख 20 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है। वहीं खाद-बीज ऋण के एवज में 4,763.30 लाख रुपये की वसूली की गई है। इसके साथ ही अवैध परिवहन एवं भंडारण के विरुद्ध की गई 137 कार्रवाइयों में 29,600.60 क्विंटल धान जब्त किया गया है। कलेक्टर ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए धान खरीदी अभियान को पारदर्शी, सुव्यवस्थित एवं किसान-हितैषी बनाने के निर्देश दिए।
