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सेवा का संकल्प बना पहचान: रायगढ़ से तमनार तक आदिशक्ति कर्मयोगी वालंटियर्स को सामाजिक और प्रशासनिक सम्मान

रायगढ़/तमनार।
रायगढ़ जिले में निःस्वार्थ समाजसेवा की मिसाल पेश कर रहे आदिशक्ति कर्मयोगी संगठन से जुड़े वालंटियर्स को हाल ही में सामाजिक और प्रशासनिक—दोनों स्तरों पर सम्मान मिला है। रायगढ़ में विजयलक्ष्मी समाज कल्याण समिति द्वारा सक्रिय वालंटियर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, वहीं तमनार जनपद पंचायत कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संजय चंद्रा ने उत्कृष्ट सेवा कार्यों के लिए आदिशक्ति कर्मयोगी वालंटियर्स को सराहना पत्र प्रदान किए। यह सम्मान केवल समारोह नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर किए गए ईमानदार प्रयासों की औपचारिक स्वीकृति है।

वर्ष 2009 से पंजीकृत विजयलक्ष्मी समाज कल्याण समिति (पंजीयन क्रमांक CG10907) ने अपने प्रशस्ति पत्र में वालंटियर्स द्वारा सामाजिक, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और जनजागरूकता के क्षेत्र में किए गए योगदान को सराहा। विशेष रूप से “आदि कर्मयोगी अभियान” के तहत जरूरतमंद और कमजोर वर्गों तक सहायता पहुंचाने के कार्यों को उल्लेखनीय उपलब्धि बताया गया। वहीं तमनार में आयोजित सादे लेकिन गरिमामय कार्यक्रम में सीईओ श्री संजय चंद्रा ने कहा कि ऐसे स्वयंसेवी प्रयास प्रशासनिक योजनाओं को ज़मीनी मजबूती प्रदान करते हैं और समाज व प्रशासन के बीच सेतु का कार्य करते हैं।

इस दौरान लीलावती चौहान, गोमती राठिया, कुंती साव, ज्योति चौहान, जमुना भगत, रुकमणी साव, देवमती बंजारा, नंदिनी राठिया और अमरदीप चौहान सहित कई वालंटियर्स को सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करने वाले वालंटियर्स ने इसे पूरे संगठन और क्षेत्र की जनता के विश्वास का प्रतीक बताया और कहा कि यह सम्मान उनके लिए उपलब्धि से अधिक जिम्मेदारी है, जो भविष्य में और अधिक समर्पण के साथ समाजसेवा करने की प्रेरणा देता है। रायगढ़ से तमनार तक मिली यह दोहरी मान्यता समाज में सेवा, संवेदना और समर्पण की सशक्त मिसाल बनकर उभरी है।

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