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ग्राम पंचायत खम्हार में सड़क की बदहाली: जिम्मेदारों की अनदेखी से परेशान ग्रामीण, सरपंच-सचिव लूट में मस्त

रायगढ़, 5 अक्टूबर।
ग्राम पंचायत खम्हार के ग्रामीण इन दिनों सड़क की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। गांव की मुख्य सड़क जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन मुश्किल हो गया है। बारिश के दिनों में यह गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं, परंतु जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि पूरी तरह मौन हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि कई बार सड़क मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन सरपंच और सचिव इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लूट-खसोट चल रही है, जबकि बुनियादी सुविधाएं बदहाल स्थिति में हैं।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सड़क मरम्मत नहीं की गई, तो वे आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। अब सवाल यह उठता है कि इन हादसों और बदइंतजामी के लिए जिम्मेदार कौन है?

ग्राम पंचायत खम्हार की सचिव गांव से पूरी तरह बेखबर

ग्राम पंचायत खम्हार का सचिव लंबे समय से गांव के कामकाज से पूरी तरह बेपरवाह है। सूत्रों का कहना है कि सचिव का गांव से कोई लेना-देना नहीं है, वह न तो नियमित रूप से पंचायत आती है और न ही विकास कार्यों की निगरानी करता है। पंचायत में हो रहे कार्यों की स्थिति बदहाल है, जबकि सचिव केवल कागजों पर काम पूरा दिखाने में व्यस्त रहती है। इस लापरवाही के कारण गांव में सड़क, नाली और अन्य मूलभूत सुविधाओं की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।

ग्राम पंचायत में विकास की राशि बन रही भ्रष्टाचार का जरिया

ग्राम पंचायत खम्हार में शासन से मिलने वाली विकास की राशि का सही उपयोग नहीं हो रहा है। सूत्रों का दावा है कि यह राशि जनता के हित में खर्च होने के बजाय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। सरपंच और सचिव की मिलीभगत से कागजों पर योजनाएं पूरी दिखा दी जाती हैं, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई काम नजर नहीं आता। वहीं, जनपद के अधिकारी भी इन अनियमितताओं पर आंख मूंदे बैठे हैं, जिससे भ्रष्टाचार को खुली छूट मिल गई है। सूत्रों का कहना है कि यदि यही हाल रहा, तो गांव में विकास सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा।

सरपंच के लगभग 6 वर्ष के कार्यकाल में नहीं हुआ गांव का विकास: ग्रामीणों का आरोप

ग्राम पंचायत खम्हार के ग्रामीणों ने सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि लगभग 6 वर्ष के कार्यकाल में गांव में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं हुआ। गांव की सड़कें जर्जर हैं, नालियां बंद पड़ी हैं और पेयजल व सफाई व्यवस्था पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने सिर्फ कागजों पर काम दिखाया, जबकि ज़मीनी स्तर पर हालात बदतर होते गए। शासन से आने वाली राशि का गलत उपयोग और बंदरबांट की गई, जिससे विकास कार्य ठप पड़ गए।

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