साहित्य जगत में नई धरोहर : “कवच के पार” का हुआ भव्य विमोचन, विधायक रामकुमार टोप्पो सहित अनेक साहित्यकार रहे उपस्थित
📖 साहित्य की दुनिया में आज का दिन यादगार बन गया। बहुप्रतीक्षित कृति “कवच के पार” का भव्य विमोचन एक गरिमामयी समारोह में किया गया। इस मौके पर पूरा वातावरण साहित्यिक ऊर्जाओं और भावनाओं से सराबोर हो गया।
🌟 इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य रूप से विधायक रामकुमार टोप्पो, राजकुमार गुप्ता, मोहन बंसल, क्षेत्र के प्रतिष्ठित कवि गण, शिक्षक-शिक्षिकाएँ तथा साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा को और अधिक बढ़ा दिया।
✨ “कवच के पार” सिर्फ एक पुस्तक नहीं, बल्कि यह जीवन के संघर्षों, अनुभवों और संवेदनाओं की गहराईयों को शब्दों के माध्यम से जीवंत करती है। इसमें बुना गया हर पन्ना पाठक के दिल को छू लेता है और जीवन के नए दृष्टिकोण से परिचित कराता है।
✍️लेखक प्रशांत चतुर्वेदी ने इस कृति के जरिए समाज को एक ऐसी साहित्यिक धरोहर दी है, जो न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करेगी। उनकी लेखनी संवेदनाओं की नदी की तरह है, जो हर हृदय में प्रवाह पैदा करती है।
🌺 इस विमोचन समारोह में क्षेत्र के कवि एवं साहित्यकारों की सक्रिय भागीदारी ने इसे और भी विशेष बना दिया। आयोजन स्थल पर हर कोई साहित्यिक रस में डूबा दिखाई दिया।
💐 विधायक ने कहा कि “कवच के पार” साहित्य के आकाश में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाए और आने वाले समय में पाठकों की प्रेरणा और मार्गदर्शक बने।