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रायगढ़ पुलिस की साइबर अपराध पर करारी चोट – म्यूल अकाउंट गिरोह का भंडाफोड़, सक्ती से दो आरोपी गिरफ्तार

69 लाख से अधिक का साइबर ट्रांजेक्शन उजागर, 5.22 लाख रुपये होल्ड – गिरोह के अन्य सदस्य भी पुलिस की गिरफ्त में आएंगे जल्द

रायगढ़, 2 सितंबर । रायगढ़ पुलिस ने एक बार फिर साइबर अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठित म्यूल अकाउंट गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के दो सक्रिय सदस्य सक्ती जिले से गिरफ्तार किए गए हैं।

गिरफ्तार आरोपी
1️⃣ जितेश कुमार चन्द्रा पिता स्व. अर्जुन सिंह चन्द्रा, उम्र 23 वर्ष, निवासी चन्देलाडीह थाना मालखरौदा जिला सक्ती (छ.ग.)
2️⃣ शिवाजी चन्द्रा पिता लक्ष्मी प्रसाद चन्द्रा, उम्र 28 वर्ष, निवासी डभरा सिदार पारा जिला सक्ती (छ.ग.)

आरोपियों पर आरोप है कि वे जरूरतमंदों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते और फिर उन्हें साइबर ठगों को सौंप देते थे।

जांच में सामने आया कि गिरोह अब तक 69 लाख 18 हजार 979 रुपये विभिन्न बैंक खातों के जरिए साइबर अपराधियों तक पहुंचा चुका है। रायगढ़ पुलिस की तत्परता से इन खातों में से 5 लाख 22 हजार 798 रुपये को होल्ड कराया गया है, जिससे पीड़ितों को बड़ी राहत मिली है।

कैसे करता था गिरोह काम?

गिरोह के सदस्य खासतौर पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों में लोन लेने पहुंचे जरूरतमंदों को निशाना बनाते थे। मामूली रकम देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाए जाते और खाता किट व सिम कार्ड अपने कब्जे में रख लिए जाते। इन खातों से साइबर ठग देश के अलग-अलग राज्यों – उत्तर प्रदेश, दिल्ली, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में रकम ट्रांसफर कर रहे थे।

पूछताछ में आरोपी शिवाजी चन्द्रा ने कबूल किया कि उसने अब तक करीब डेढ़ लाख रुपये कमाए हैं, जिसे उसने व्यक्तिगत खर्चों में उड़ा दिया। गिरोह का हर सदस्य एक खाते के एवज में लगभग 10,000 रुपये कमाता था।

जांच की बड़ी उपलब्धि

इस कार्रवाई की शुरुआत भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय साइबर अपराध समन्वय पोर्टल से प्राप्त शिकायत पर हुई।

डीएसपी साइबर अनिल विश्वकर्मा के नेतृत्व में थाना कोतवाली पुलिस ने छानबीन शुरू की और लगातार तकनीकी विश्लेषण व गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद सक्ती जिले तक पहुंच बनाई। पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन और फर्जी सिम कार्ड भी जप्त किए हैं।

गिरोह के और सदस्य निशाने पर

गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में अपने गिरोह के अन्य पांच सदस्यों के नाम उजागर किए हैं, जो फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने और नए बैंक खाते खुलवाने का काम करते थे। रायगढ़ पुलिस अब इनकी तलाश में भी जुटी हुई है और जल्द ही पूरे नेटवर्क को धर दबोचने का दावा कर रही है।

एसपी दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में टीम की सराहनीय सफलता

यह कार्रवाई एसपी श्री दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा के साथ-साथ थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुखनंदन पटेल एवं उनकी टीम की मेहनत का परिणाम है।

इस अभियान में उप निरीक्षक ऐनु देवांगन, दिलीप बेहरा और साइबर सेल के धनंजय कश्यप, प्रशांत पण्डा, पुष्पेंद्र जाटवर, मेनका चौहान, नवीन शुक्ला, रविन्द्र गुप्ता, प्रताप बेहरा तथा थाना कोतवाली के आरक्षक कमलेश यादव की भूमिका भी बेहद अहम रही।

पुलिस की चेतावनी और अपील

रायगढ़ पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या गिरोह के कहने पर अपने नाम से बैंक खाता या सिम कार्ड खुलवाकर किसी और को न दें। यह अपराध की श्रेणी में आता है और ऐसे कार्यों से सीधे साइबर ठगी को बढ़ावा मिलता है।

✅ इस पूरी कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रायगढ़ पुलिस साइबर अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। तेज-तर्रार जांच और तकनीकी दक्षता की बदौलत पुलिस ने न केवल अपराधियों को पकड़ा बल्कि लाखों रुपये भी सुरक्षित रखे।

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