मैनपाट – छत्तीसगढ़ का शिमला, विधायक रामकुमार टोप्पो की पहल से पर्यटन और विकास की नई उड़ान
सीतापुर।छत्तीसगढ़ की धरती पर बसे मैनपाट को लोग पहले से ही “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहकर पुकारते हैं, लेकिन अब यह नाम केवल उपमा नहीं, बल्कि वास्तविकता बनता जा रहा है। वजह है – सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो की निरंतर सक्रियता और दूरदृष्टि।
साल 2023-24 में जहाँ मैनपाट में 22 हज़ार पर्यटक आए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 67 हज़ार हो गई। यह महज आंकड़ा नहीं, बल्कि स्थानीय जनता की ज़िंदगी में आए बदलाव की कहानी है।
✨ मैनपाट क्यों बदल रहा है?
विधायक रामकुमार टोप्पो ने पर्यटन को केवल दर्शनीय स्थल मानने की बजाय इसे आर्थिक उन्नति और रोजगार का माध्यम बनाने पर जोर दिया। उनकी पहल से न सिर्फ पर्यटन बढ़ा, बल्कि मैनपाट की सूरत और सीरत दोनों बदल गई।
✅ रोज़गार की क्रांति
हजारों पर्यटक बढ़ने से यहाँ के युवाओं को होटल, गेस्ट हाउस, टैक्सी सेवा, गाइडिंग और रेस्टोरेंट में काम करने का अवसर मिला।
पहले जहाँ युवा रोज़गार के लिए बाहर जाते थे, अब लोग कहते हैं – “रोज़गार हमारे गाँव में ही है।”
✅ महिलाओं की ताक़त बनी मैनपाट की पहचान
महिला स्व-सहायता समूहों ने यहाँ पर्यटन को नए मुकाम पर पहुँचाया।
हाट-बाज़ार और मेले में महिलाओं ने अपने हस्तशिल्प, जड़ी-बूटी, शहद और बांस उत्पाद बेचकर आर्थिक आज़ादी पाई।
आज मैनपाट की महिलाएँ कह रही हैं – “हम अब सिर्फ गृहिणी नहीं, उद्यमी भी हैं।”
✅ स्थानीय उत्पादों की माँग तीन गुना
पर्यटक यहाँ से खाली हाथ नहीं लौटते।
जड़ी-बूटी, शहद, बांस उत्पाद, हस्तशिल्प और स्थानीय फसलें – इनकी माँग छत्तीसगढ़ से निकलकर देश के दूसरे हिस्सों तक पहुँच रही है।
इससे किसानों और कारीगरों की आय सीधी-सीधी तीन गुना तक बढ़ी है।
✅ इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक सुधार
पहले जिन सड़कों से लोग गुज़रने से डरते थे, अब वही सड़कें सुंदर और सुरक्षित हैं।
बिजली, पानी और नेटवर्क जैसी मूलभूत ज़रूरतें आज गाँव-गाँव तक पहुँच रही हैं।
विधायक की पहल पर जगह-जगह वृक्षारोपण से मैनपाट का प्राकृतिक सौंदर्य और निखर गया।
✅ सुरक्षा में बढ़त
पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए चौक-चौराहों पर CCTV कैमरे लगाए गए।
अब लोग निश्चिंत होकर यहाँ देर रात तक घूम सकते हैं।
✅ युवाओं को मिला नया मंच
मैनपाट अब सिर्फ ठंडी हवाओं और खूबसूरत नज़ारों तक सीमित नहीं है।
यहाँ युवाओं के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स, सांस्कृतिक कार्यक्रम और गाइडिंग जैसे नए अवसर पैदा हुए हैं।
पहले जो युवा बेरोज़गारी की चिंता करते थे, आज वे कहते हैं – “पर्यटन हमारी पहचान है।”
✍️ विधायक रामकुमार टोप्पो की सोच
रामकुमार टोप्पो का कहना है –
“मैनपाट की असली ताक़त यहाँ की प्रकृति और संस्कृति है। अगर हम इनका संरक्षण करते हुए पर्यटन को बढ़ाएँ, तो हमारे युवाओं को रोजगार, हमारी महिलाओं को आज़ादी और हमारे गाँवों को विकास मिलेगा। यही मेरा सपना है।”
उनकी यही सोच आज हकीकत में बदलती दिख रही है।
🌟 भविष्य की तस्वीर
विशेषज्ञ मानते हैं कि मैनपाट जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, वह दिन दूर नहीं जब यह जगह न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे भारत के पर्यटन मानचित्र पर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाएगा।
हजारों पर्यटकों की आमद और स्थानीय लोगों की भागीदारी ने साबित कर दिया है कि जब नेतृत्व ईमानदार और सक्रिय हो, तो बदलाव असंभव नहीं।
“मैनपाट : विधायक रामकुमार टोप्पो की सक्रियता से पर्यटन का नया इतिहास”
“22 हज़ार से 67 हज़ार पर्यटक – मैनपाट में रोज़गार और विकास की गूँज”
“छत्तीसगढ़ का शिमला अब समृद्धि का केंद्र – मैनपाट बना बदलाव की मिसाल”
“रामकुमार टोप्पो की पहल – मैनपाट ने पर्यटन मानचित्र पर लिखी नई इबारत”